5 TIPS ABOUT HINDI KAHANI YOU CAN USE TODAY

5 Tips about hindi kahani You Can Use Today

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hindi kahani for kids

मुंशी प्रेमचन्द हिन्दी कहानी संसार के लिए वरदान बनकर आये, इनकी हिन्दी की पहली कहानी

बार-बार सुनने पर नीरसता की अपेक्षा और अधिक सरसता प्राप्त होती है। ये सभी

गर्मी के दिन थे। बादशाह ने उसी फाल्गुन में सलीमा से नई शादी की थी। सल्तनत के सब झंझटों से दूर रहकर नई दुलहिन के साथ प्रेम और आनन्द की कलोलें करने, वह सलीमा को लेकर कश्मीर के दौलतख़ाने में चले आए थे। रात दूध में नहा रही थी। दूर के पहाड़ों की चोटियाँ चतुरसेन शास्त्री

दृष्टिकोण और मनोविश्लेषण चरित्र - युक्त कहानी लिखने वाले कहानीकार हैं। समाज की

बेरोजगारी की समस्या, राजनैतिक गिरावट, परिवारों के

भण्डारी, फणीश्वर नाथ रेणु, कमल जोशी, उषा प्रियंवदा

मुंशी प्रेमचन्द पश्चात् हिन्दी कहानी संसार में कुछ ऐसे कहानिकार भी आये

केन्द्रीय महत्व का स्वीकारा। मुशी प्रेमचन्द ने अपने जीवन काल में तीन सौ

में ही जयशंकर प्रसाद ने हिन्दी में कई कहानियाँ लिखी लेकिन इनकी कहानियाँ

है। इसलिए उसकी कहानी भी आधुनिकता की पक्षधर हो गई है। शिल्प की दृष्टि से नयी

अंग्रजी संघर्ष के विरूद्ध चल रहे क्रान्तिकारी संघर्ष को लेकर कई कहानियाँ लिखी। 'उसकी माँ', 'देशभक्त' जैसी कहानी इनकी

मानवतावाद को एक नया प्रकाश दिया, प्रेमचन्द ने जहाँ अपनी कहानियों के माध्यम से समाज में

इन्दुमती अपने बूढ़े पिता के साथ विंध्याचल के घने जंगल में रहती थी। जबसे उसके पिता वहाँ पर कुटी बनाकर रहने लगे, तब से वह बराबर उन्हीं के साथ रही; न जंगल के बाहर निकली, न किसी दूसरे का मुँह देख सकी। उसकी अवस्था चार-पाँच वर्ष की थी जबकि उसकी माता का परलोकवास किशोरीलाल गोस्वामी

मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता हूँ। यही मेरा रोज़मर्रा का काम है। मेरे घर में रुपये-पैसे की कमी नहीं। मुझे कोई फ़िकर भी नहीं। इसी सबब से हर रोज़ मैं निज़ाम शाह

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